मकर संक्रांति सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर गमन / प्रवेश का दिन है.प्रकृति के अनुसार मौसम में सकारात्मक बदलाव है. सर्दी कम होते हुए दिन गर्म होने लगते है. संक्रांति का तात्पर्य है संक्रमण या गमन. इस समय सूर्य धनु ( Sagittarius )राशी से मकर ( Capricorn ) राशी में प्रवेश करता है. माघ मास में होने से इसे माघ संक्रांति या माघी भी कहा जाता है. भारतीय संस्कृति और कैलेंडर के अनुसार इस दिन त्यौहार के रूप में मनाने का महत्त्व दिया गया है. ये त्यौहार लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है.
विज्ञान की दृष्टि से २१ / २२ दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है. इसके २१ दिन बाद मकर संक्रांति को मनाया जाता है. अत : २१ दिसम्बर को ही सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है. पृथ्वी अपने अक्ष से तनिक झुकी हुई होने से लगभग सौ साल में एक दिन आगे खिसकता है. इस समय १४ जनवरी को मकर संक्रांति है तो हजारों साल बाद ये मार्च - अप्रैल मास में भी आएगी.
भारत में राजस्थान , गुजरात , बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र , पंजाब, तमिलनाडु आदि में मकर संक्रांति को विशेष रूप से मनाया जाता है. राजस्थान और गुजरात में इसे उत्तरायण या मकर संक्रांति, पंजाब में लोहिड़ी, बिहार में भोगली बिहू, तमिलनाडु और कर्नाटका में पोंगल आदि के नाम से पुकारा जाता है. आन्ध्र में पेददा पदूगा, थाईलैंड में इसे सोंग्क्रण, म्यामार में थिज्ञान, नेपाल में माघी आदि नाम से त्यौहार मनाया जाता है.
इस दिन तिल ,मूंगफली, खिचड़ी, गौ पूजन, चावल , नई फसल कटवाई, पतंग उड़ाने आदि को महत्व दिया जाता है.
पढ़ें : http://festivals.iloveindia.com ,http://www.makarsankranti.org , http://wikipedia...Makar_Sankranti
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