Tuesday, March 10, 2015

Rajasthan Divas : 30 March

* राजस्थान दिवस : 30 मार्च  के अवसर पर शुभ कामनाएं * 


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एक रहे हम ,एक  है  हम, हम सदा रहेंगें एक  
"माणस धरती धोरां रा", भक्त शूर और नेक 

*जांगिड़/२०१३०३३० 

शहीदों को नमन : २३ मार्च


             


       
बलिदान अमर  है अमर रहे, वंदन करो सदैव 
  भारत माँ के तीन रतन , भगत,राज ,सुखदेव* 



  MLJANGID.20130323
                                                                                                        * (भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव)                              

Friday, March 6, 2015

PEACE


EVERYONE

WANT TO PEACE
PEACE IN MIND
PEACE IN LIFE
WANT PEACE IN THE WORLD
AND PEACE IN NATURE
PEACE ?
NECCESSORY FOR DEVELOPMENT
PEACE ESSENTIAL FOR
STABILITY IN LIFE
SO ,
CREATE ENVIRONMENT OF PEACE
ARROUND THOUSELF
ARROUND THE WORLD
AND
ARROUND THE SPACE

* Jangid/20060222 / JANGIDWEBZINE

Thursday, March 5, 2015

Maharshi Dayanand Sarswati (12.2.1824 - 31.10.1883)


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महर्षि दयानंद सरस्वती एक प्रगतिवादी समाजसुधारक व्यक्ति थे. इनके बचपन का नाम मूल शंकर था . इनका जन्म १२ फरवरी ,१८२४ गुजरात के टंकारा गाँव में हुआ . पिता का नाम कृष्णजी धनाड्य एवं टैक्स कलेक्टर थे . ये ब्राह्मण कुल शिव भक्त थे .


बहन की मृत्यु का आघात सह नहीं पाए . मूल शंकर अपना घर छोड़ मृत्यु का कारण ढूढने निकल पड़े . करीब बीस वर्ष तक इन्हें समुचित समाधान नहीं मिला . अंत में १८६० में मथुरा में स्वामी वृजानंद के शिष्य बनकर वेदों का अध्ययन कर मृत्यु के गूढ़ रहस्य का समाधान पाया . 


स्वामी वृजानंद ने मूल शंकर का नाम ऋषि दयानंद देते हुए इन्हें वैदिक शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के आदेश दिए . ७ अप्रैल १८७५ को आर्य समाज की नींव डाली जिसका उद्देश्य विश्व को अच्छा बनाने का था . आर्य समाज के दस नियम बनाये गए .आज आर्य समाज की कई देशों में शाखाएं इसी उद्देश्य की पूर्ति कर रही है .मूर्ति पूजा,पशु बली ,जात पात ,महिलायों का वेड अध्ययन आदि जैसी सामाजिक रूढ़ियों एवं कुरीतियों को ख़त्म करने का दयानंद सरस्वती ने ही पहल की थी .दयानंद सरस्वती ने "सत्यप्रकाश "पुस्तक के माध्यम से वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया .


माना जाता है कि भोजन में जहर मिला कर खिलाने से इनकी मृत्यु ३१ अक्टूम्बर ,१८८३ को दिवाली की रात अजमेर ,राजस्थान में हुई .



National Voter's Day : 25 January



राष्ट्रीय मतदाता दिवस
 25 जनवरी 



सहज  विवेकी  निष्पक्ष हो , कर  मतदान  प्रयोग
राष्ट्र निर्माता जागरूक बने,  उन्नति में दे सहयोग 

CHANDRA SHEKADHAR AZAD ( 23 July,1906 - 27 Feb,1931)

चन्द्र शेखर आजाद एक  सशक्त व्यक्तित्व के धनी थे . ब्राह्मण कुल में जन्मे चन्द्र शेखर भारतीय स्वंत्रतता संग्राम में एक दबंग क्रांतिकारी व्यक्ति थे .मध्यप्रदेश के भाबरा गाँव में 23,जुलाई 1906 में जन्म लिया .इनके पिता का नाम पंडित सीता राम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था .
23 July,1906   to  27 Feb,1931

बचपन में अपने शरीर शौष्ठव के कारण भीमसेन या भीम दादा के नाम से भी जाने जाते थे . प्रारंभिक शिक्षा गाँव में  और तत्पश्चात वाराणसी में ही हुई .जलियांवाला कांड के विरोध के सन्दर्भ में 16 वर्ष की अल्पायु में गिरफ्तार किये गए .  मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान के दौरान अपना नाम " आजाद " ,पिता का नाम "स्वन्त्रतता " और घर " जेल " बताया.तब से इनके नाम का बाद आजाद शब्द पुकारा जाने लगा .

आज़ाद ने क्रांतिकारी बनने के बाद सबसे पहले 1 अगस्‍त 1925 को काकोरी कांड को अंजाम दिया .  उसके बाद से उनके संगठन ने सरकारी प्रतिष्‍ठानों को ही लूटने का फैसला किया . अंग्रेज़ चन्द्रशेखर आज़ाद को तो पकड़ नहीं सके लेकिन  बिस्मिल,  अशफाक  उल्ला खाँ एवं  ठाकु ररोशन सिंह को 19 दिसम्बर 1927  तथा  उससे  2 दिन  पूर्व   राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को फाँसी पर लटकाकर मार दिया .
27 फरवरी 1931 को वे इलाहाबाद  अल्फ्रेड पार्क में अपने एक मित्र सुखदेव राज से मिले. इस का पता चलने पर चारों ओर से अंग्रेज पुलिस से घिर गए . दोनों ओर से हुई भयंकर गोलीबारी हुई और इसी मुठभेड़ में चंद्रशेखर आजाद शहीद हो गये .

Wednesday, March 4, 2015

विश्व बचत दिवस : 31 अक्टूबर





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बचत  आज,  कल   सुखमय   जीवन 
धन से ख़ुशी और उत्साहित तन मन