Tuesday, October 2, 2012

Lal Bahadur Shastri

               लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूम्बर, 1904 को  मुगलसराय (काशी के निकट ) में हुआ .इनके पिता शारदा प्रसाद और मां रामदुलारी . पिता पहले एक शिक्षक के रूप में और फिर कोर्ट में बाबू अपनी सेवाये देते रहे, परन्तु आर्थिक स्थिति कमजोर ही रही .इनकी एक साल की उम्र में पिता का साया उठ गया . दो बहनों के साथ इनका बचपन ननिहाल बिता .छोटी कद काठी के लाल बहादुर में आत्मविश्वास गजब का था . सरलता और सहजता इनके गुण थे . मितव्ययी  और मितभाषी शास्त्री जी नदी पार कर पढ़ने जाते थे . 

              पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त, मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश ने इनकी योग्यता को पहचान कर सक्रीय भूमिका के लिए अवसर दिया . 1952 में केन्द्रीय रेल एवं यातायात मंत्री का भर सौपा गया .1961 में गृह मंत्रालय का काम बखूबी किया . ये इसे गृह मंत्री थे जिनका अपना कोई गृह या मकान भी न था . 27 मई, 1964 को नेहरू के निधन पर इन्हे पार्टी का निर्विरोध नेता चुनते हुए प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौपा गया .

                भारत-पाक युद्ध अवसर पर ताशकंद समझोते ( 10 जन,1966) के बाद उसी रात ह्रदय आघात से दिवंगत हुए .इन्हे मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया .

              देश के लिए अनाज बचने के लिए प्रत्येक सोमवार को व्रत करने का सन्देश आपका ही था . " जय जवान , जय किसान " का मन्त्र आपने ही फूंका था जिससे जवानों और किसानों को  जनता से और अधिक सम्मान मिला .
              गोविन्द बल्लभ पन्त के शब्दों में  -  'likable, hard-working, devoted, trustworthy and non-controversial'.


सरल  सादगी  सहज  सदा तू  , मितव्ययी  मितभाषी 
'लाल'  अनूठा  भारत  माँ का, जन्मा  निकट तू  काशी 
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संघर्ष  अभावों  में  था बचपन ,सत्कर्म  से  बना  महान 
स्वाभिमान से जीना सीखाया,' जय जवान,जय किसान '
                                                                       * MLJ/20121002

International Day of Non-Violence : 2 Oct

           
भारतीय दर्शन एवं संस्कृति का उजला पक्ष है - प्रेम, सत्य,अहिंसा, सहिष्णुनता,समानता, भाईचारा, सहयोग आदि . महात्मा गाँधी जी ने भारतीय दर्शन को आत्मसात कर इसे कर्म में ढाल कर भारत माँ को स्वतन्त्र कराया.  संयुक्त राष्ट्र ने गाँधी जी के जन्म दिन 2 अक्टूम्बर को                                  
                                                       " अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस "
के रूप में घोषित किया गया, जो एक सराहनीय एवं अनुकरणीय है . समस्त विश्व नागरिक जो अहिंसा के प्रति विश्वास रखते है , गाँधी जी के प्रति  तहे-दिल  से श्रृद्धांजलि अर्पित करते है .