Friday, March 23, 2012

नव वर्ष : २०६९

विक्रम संवत दो हजार उनहत्तर, आया नूतन वर्ष
स्वस्थ,   सुखी  और  उन्नति ,  हो   सदा  उत्कर्ष  
                                                              * JANGIDML/20120323

शहीदों को नमन : २३ मार्च

भगतसिंह , सुखदेव और राजगुरु
नमन  इन्हें  मैं  शत - शत   करूँ    
                              * JANGIDML / 20120323

अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस : २२ मार्च

बूंद   बूंद   जल   बचत  करो  ,  अमृत   जल   है   कम
जल बिना न अन्न और जीवन, कैसे रहेंगें जिन्दा हम  
                                                                           * JANGIDML/ 20120322

Thursday, March 8, 2012

World Kidney Day : 8 march

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : ८ मार्च

        अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस , ८ मार्च  को मनाया जाता है. इस अवसर पर महिलाओं  की दशा एवं दिशा पर गहन चिन्तन मनन कर भविष्य उन्नत बनाने का संकल्प लेना है. प्राचीन भारत में महिलाओं के प्रति आदर सम्मान था. नारी को पूज्य माना जाता था. नारी बिना पुरुष अधुरा माना जाता था . अर्धनारीश्वर की कल्पना ही नहीं बल्कि हकीकत में माना. नारी को समानरूप से अधिकार और स्थान प्राप्त था. गार्गी, मैत्रेय आदि उन विदुषियों के नाम है जिन्हें महान संतों के तुल्य माना.  उस काल में महिला शांति और शक्ति दोनों का प्रतीक थी .कालांतर में विदेशी आक्रमणों एवं शासन से महिलाओं ने अपने को संकुचित दायरे में रखते हुए सुरक्षित कर लिया. 
     नारी आधी दुनिया का वर्चस्य रखती है.आज पुन: नारी जागृत होकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. अनगिनत महिलायें आज अपने क्षेत्र में अग्रणी और विकास में अभूतपूर्व योगदान दे रही है.  शिक्षित और अशिक्षित महिला अपने ही नहीं बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र की धुरी है.आज की आवश्यकता है भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा आदि की कुप्रथाओं को बंद कर इसे शिक्षित कर प्रोत्साहित करने की. महिला का भविष्य सुनहरा होने पर परिवार, समाज और संसार का भविष्य भी संवरते समय नहीं लगेगा. 

सृष्टि जननी, प्रेम धारिणी, शांति, शक्ति स्वरूपा है नारी
कोमलांगी, सबल, गृह स्वामिनी, फिर क्यों  है  लाचारी

Wednesday, March 7, 2012

होली

लाल  गुलाबी,  नीला  पीला,  रंग  हरे  से  होली  खेलो 
बिना रसायन बिन पानी ही, शुभकामनाएं दे दो ले लो
                                                                                  *JANGIDML 20120306


     पौराणिक कथा के अनुसार दानव राजा हिरण्यकश्यप जिसने पृथ्वी को जीत लिया था, घोषणा कि राज्य में  केवल उसे पूजा जाए. उनका बेटा प्रहलाद , भगवान विष्णु का प्रबल भक्त था, ने अपने पिता की पूजा करने से इनकार कर दिया.
     हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने के लिए कई तरीके की कोशिश की लेकिन भगवान विष्णु ने उन्हें हर बार बचा लिया. अंत में, वह उसकी बहन, होलिका ( जिसे वरदान था , आग भी उसे जला नहीं सकती थी ) से कहा कि प्रहलाद को  साथ लेकर धधकते आग में प्रवेश करे ताकि प्रह्लाद जल कर मिट जाए. होलिका प्रहलाद को लेकर आग की चिता में प्रवेश कराती है. भक्त प्रहलाद भगवान का जप करते हुए सुरक्षित बच गए जबकि होलिका जल कर भस्म हो गई .
     उत्तर भारत में विशेष रूप से लकड़ी के अलाव जला जला कर होलिका के पुतले जलाते हैं. होली एक भक्त की विजय के रूप में मनाया जाता है. होली, होलिका नाम प्रर्याय है, बुराई पर अच्छाई की जीत के  एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
     होली का जश्न उत्साहित लोग परस्पर रंगों और अबीर- गुलाल को लगा कर मनाते है तथा घर-घर मिठाईया बनती है.यह त्यौहार हंसी -ख़ुशी का त्यौहार है. परन्तु आज के समय में नकली और रसायन वाले रंगों से नुकशान अधिक होते है तथा पानी का भी अपव्यय होता है. अत: प्राकृतिक रंगों और सावधानी के साथ होली खेलेंगें तो खुशियाँ ही खुशियाँ मिलेगी.   
                                                   अधिक पढ़ें और जाने : http://www.holifestival.org
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