Thursday, March 5, 2015

Maharshi Dayanand Sarswati (12.2.1824 - 31.10.1883)


Image result for DAYANAND SARASWATI


महर्षि दयानंद सरस्वती एक प्रगतिवादी समाजसुधारक व्यक्ति थे. इनके बचपन का नाम मूल शंकर था . इनका जन्म १२ फरवरी ,१८२४ गुजरात के टंकारा गाँव में हुआ . पिता का नाम कृष्णजी धनाड्य एवं टैक्स कलेक्टर थे . ये ब्राह्मण कुल शिव भक्त थे .


बहन की मृत्यु का आघात सह नहीं पाए . मूल शंकर अपना घर छोड़ मृत्यु का कारण ढूढने निकल पड़े . करीब बीस वर्ष तक इन्हें समुचित समाधान नहीं मिला . अंत में १८६० में मथुरा में स्वामी वृजानंद के शिष्य बनकर वेदों का अध्ययन कर मृत्यु के गूढ़ रहस्य का समाधान पाया . 


स्वामी वृजानंद ने मूल शंकर का नाम ऋषि दयानंद देते हुए इन्हें वैदिक शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के आदेश दिए . ७ अप्रैल १८७५ को आर्य समाज की नींव डाली जिसका उद्देश्य विश्व को अच्छा बनाने का था . आर्य समाज के दस नियम बनाये गए .आज आर्य समाज की कई देशों में शाखाएं इसी उद्देश्य की पूर्ति कर रही है .मूर्ति पूजा,पशु बली ,जात पात ,महिलायों का वेड अध्ययन आदि जैसी सामाजिक रूढ़ियों एवं कुरीतियों को ख़त्म करने का दयानंद सरस्वती ने ही पहल की थी .दयानंद सरस्वती ने "सत्यप्रकाश "पुस्तक के माध्यम से वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया .


माना जाता है कि भोजन में जहर मिला कर खिलाने से इनकी मृत्यु ३१ अक्टूम्बर ,१८८३ को दिवाली की रात अजमेर ,राजस्थान में हुई .



No comments:

Post a Comment