Saturday, February 6, 2016

Thoughts from Religions




  • अहं ब्रह्म द्वयं नास्ति    
         अर्थात  ब्रह्म केवल एक है, दूसरा कोई नहीं  





  • वैष्णव जन तो तेने कहिये , जो पीड़ पराई जाने रे 
      पर दुःख उपकार करे तोये, मन अभिमान न आये रे  - नरसी मेहता 




  • अल खल्क-ओ-अचानुल्लाह  -   समस्त सृष्टि  अल्लाह का परिवार है





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