- अहं ब्रह्म द्वयं नास्ति
- वैष्णव जन तो तेने कहिये , जो पीड़ पराई जाने रे ,
पर दुःख उपकार करे तोये, मन अभिमान न आये रे - नरसी मेहता
- अल खल्क-ओ-अचानुल्लाह - समस्त सृष्टि अल्लाह का परिवार है
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