विश्व पुस्तक दिवस : २३ अप्रैल
पुस्तक मेरी मित्र है , पुस्तक है दिग्दर्शन
ये धरा, जल का सागर, ये ही नील गगन
ये ही नील गगन, छुपे है अनमोल रतन
धर्म, कर्म,संस्कार, संस्कृति एवं स्वस्थ तन
मोहन' पुस्तक सदा पढ़ें, होगा ज्ञान अमोल
जीवन में सद्गुण ढ़ालिये, समझेंगे तब मोल
* JANGIDML@REDIFF.COM / 20140423