Web based Magazine about Society,Science,Literature,Environment,Technology,Religion,Art,Culture,Heritage,Education etc.
Friday, April 13, 2012
Thursday, April 12, 2012
बैसाखी पर्व
बैसाखी का पावन पर्व वैशाख माह में मनाया जाता है. सर्दियों की फसल कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा के उत्तरी राज्यों के किसान साल की शुरुआत का जश्न मनाते है किसानों को भरपूर फसल के लिए भगवान का शुक्र है और आने वाले वर्ष में समृद्धि के लिए प्रार्थना. यह दिन अप्रैल १३-१४ पर सौर वर्ष के साथ मेल खाता है.
बैसाखी के तारीख में मेष राशि में सूर्य की प्रविष्ट होता है अत : यह मेष संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है . इस दिन दसवें सिख गुरू, गुरू गोविंद सिंह जन्मदिन और ३० मार्च ,१६९९ में खालसा पंथ की स्थापना भी हुई थी, के सन्दर्भ में मनाई जाती है बैसाखी .यह बैसाखी दिवस पर था कि गुरु गोबिंद सिंह प्रशासित उसके पांच चेलों (पंज प्यारों) को अमृत- पान कराया . १६९९ में बैसाखी के दिन गुरु की परंपरा बंद कर गुरु ग्रंथ साहिब को सिक्ख धर्म की पवित्र किताब घोषित किया गया था.गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया.
बैसाखी समारोह दिन महत्वपूर्ण है इस दिन पर कि १८७५ में स्वामी दयानंद सरस्वती, आर्य समाज की स्थापना की. बौद्ध के लिए बैसाखी महोत्सव का दिन महत्वपूर्ण है, इस दिन गौतम बुद्ध आत्मज्ञान या गया के महाबोधि वृक्ष के नीचे निर्वाण प्राप्त किया. केरल में बैसाखी के रूप में "विशु" कहा जाता है और तमिलनाडु में "पुथांडू ", बंगाल में नव-वर्ष , असम में "बिहु" और बिहार में "वैशाख" के रूप में मनाया जाता है.यह जलियांवाला बाग़ दिवस के रूप में भी याद किया जाता है.
Subscribe to:
Posts (Atom)